दूसरा विश्व युद्ध क्यों हुआ क्या कारण थे और कैसे हुआ
हमने आपको पहले भी एक पोस्ट में ही विश्व युद्ध के बारे में बताया था लेकिन उस पोस्ट में हमने आपको पहले विश्वयुद्ध के बारे में बताया था कि पहला विश्व युद्ध क्यों हुआ क्या कारण थे पहला विश्व युद्ध होने के और पहले विश्व युद्ध के अंदर कौन-कौन से देशों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई और लास्ट में कौन-कौन से देश विश्व युद्ध के अंदर शामिल हुए तो इस तरह की हमने बहुत सी जानकारी आपको उस पोस्ट में दी थी और मैं आशा करता हूं कि वह आपको पोस्ट पसंद भी आएगी और बहुत लोगों को पसंद आई भी है अगर आप हमारे द्वारा बताई गई उस पोस्ट के अंदर पहले विश्वयुद्ध की जानकारी पढ़ चुके हैं तो अब हम आपको यहां पर दूसरे विश्वयुद्ध के बारे में  एक बहुत ही बढ़िया और रोचक जानकारी देंगे क्या कारण थे दूसरा विश्व युद्ध होने के और किस तरह से दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ इस तरह कुछ बातें हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे वैसे तो पहले विश्व युद्ध के ही कुछ तथ्यों के कारण दूसरा विश्व युद्ध हुआ था और कुछ और भी अलग कारण थे जिसके कारण दूसरा विश्व युद्ध हुआ दूसरे विश्वयुद्ध और पहले विश्व युद्ध से पहले दुनिया का रूप अलग ही था लेकिन इन दोनों के कारण दुनिया बस एक दम से बदल गई और दुनिया एक नई नई शुरुआत करने लगी विश्व युद्ध के कारण कई देशो का क्षेत्र बढ़ गया वह कई देशों का कम भी हुआ जैसे कि रशिया का क्षेत्रफल कम हुआ क्योंकि पहले विश्व युद्ध के कारण रसिया को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ और जिसके कारण उसको अपने देश का कुछ हिस्सा दूसरे देशों को देना पड़ा और दूसरे देशों ने नुकसान भी भरवाया जिससे कि उसको बहुत बड़ा उनका नुकसान भरना पड़ा था उसके कारणों से छोटे-छोटे देशों का निर्माण हुआ कई देश आपस में मिले और फिर अपना एक अलग देश बना लिया.
जैसे पहले विश्वयुद्ध के होने से कुछ समय पहले कुछ ऐसी घटनाएं थी जो कि विश्वयुद्ध का कारण बनी है वह सबसे बड़ी घटना थी हंगरी और ऑस्ट्रिया के राजकुमार की गोली मारकर हत्या करना उस एक बुलेट की गोली से पूरा विश्व युद्ध हुआ इसी तरह से दूसरे विश्वयुद्ध का कारण सबसे ज्यादा पहले विश्व युद्ध से ही जुड़े हुए थे क्योंकि पहले विश्व युद्ध के कुछ ऐसे तथ्य थे जो कि दूसरे विश्वयुद्ध के होने का कारण बनी.
पहले विश्व युद्ध के अंत  में एक ऐसी घटना हुई जिसके कारण इतना बड़ा दूसरा विश्व युद्ध हुआ  उस विश्वयुद्ध के अंदर सबसे बड़ी घटना थी वो एक ब्रिटिश सैनिक हेनरी कैंडल फ्रांस की उत्तर सीमा में जर्मनी के नागरिकों के साथ युद्ध  लड़ रहा था और वह कई घंटों तक युद्ध लड़ता रहा लेकिन और उन्होंने जर्मन सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया लेकिन और लड़ते-लड़ते एक जर्मन सैनिक पैंट्री के सामने आकर खड़ा हो गया और वह घायल था  वह हेनरी रूटरडल के सामने खड़ा हो गया और फिर हेनरी रूटरडल ने  उसको मारने की सोच बदल दी और और उसने उसको छोड़ दिया और फिर वह सैनिक वहां से चला गया कई सालों बाद हेनरी रूटरडल को बहुत पछतावा हुआ क्योंकि जो सैनिक ने छोड़ा था वह जर्मनी का हिटलर था और  हिटलर के कारण दूसरा विश्व युद्ध हुआ था. 

दूसरा विश्व युद्ध

दूसरे विश्व युद्ध को टोटल युद्ध भी कहा जाता है क्योंकि इस युद्ध के अंदर सिर्फ सैनिक ही नहीं बल्कि आम जनता भी थी क्योंकि जब पहले युद्ध होते थे तो उसमें सिर्फ सेना ही भाग लेती थी लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के अंदर किसी भी देश ने अपने दुश्मन देश के अंदर घुसकर आम जनता के ऊपर आक्रमण किया गोले बरसाए मिसाइल दागी और बम फेंके गोलियों से मारा लोगों को इस विश्व युद्ध में आम जनता भी शामिल थी इसलिए इस विश्वयुद्ध के अंदर किसी भी इंसान का ऐसा नहीं लगता था कि उसकी जान बच जाएगी सभी को अपनी अपनी जान का खतरा था इसीलिए इसको टोटल वॉर कहा जाता है

दूसरा विश्व युद्ध कब हुआ

दूसरा विश्व युद्ध 1939 से लेकर 1945 तक चला और इस युद्ध के अंदर दो बड़ी पावर थी एक थी एक्सिस पावर जिसके अंदर जर्मनी इटली, जापान, हंगरी,और रोमानिया, बुलगारिया, जैसे देश थे जबकि दूसरी पावर थी एलियंस पावर जिसके अंदर यूएस, ब्रिटेन ,फ्रांस USA ,ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील ,कनाडा, चाइना ,डेनमार्क ,ग्रीस नीदरलैंड, न्यूजीलैंड ,नॉर्वे, पोलैंड जैसे देश शामिल थे और इटली पहले विश्वयुद्ध के अंदर तो एलियंस पावर में था और जबकि दूसरे विश्व युद्ध के अंदर वह एक्सिस पावर के अंदर शामिल हुआ दूसरे विश्वयुद्ध के अंदर पूरी धरती पर जितने लोग थे उनमें से 3% लोग मारे गए थे करोड़ों लोग घायल हुए थे और अरबों की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था जैसे कि हमने जाना हर एक घटना आगे की घटना को अंजाम देती है दूसरे विश्व युद्ध के पीछे भी कई घटनाएं शामिल थी उनके अंदर सबसे बड़ा कारण था पहला विश्व युद्ध उसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया भी है कुछ हद तक तो अब हम शुरुआत करते हैं दूसरे विश्वयुद्ध के बारे में जैसे कि हमने आपको पहले बताया था पहले विश्व युद्ध के बाद जर्मनी की सत्ता पूरी तरह तक घुटनों पर आ गई थी और फ्रांस और ब्रिटेन ने विवादित बातों के जरिए जर्मनी सत्ता की हालत बिल्कुल खराब कर दी और जर्मन सत्ता में रोष और आक्रोश पैदा होने लगा और उन प्रजा के अंदर हिटल रथा  जिसने नाजी के जरिए जर्मनी की सत्ता हासिल की और दुश्मन देशों से बदला लेने का प्लान बनाया.
देख कर वापस हिटलर ने दूसरे देशों के द्वारा हथियाए हुए जर्मन प्रदेश एक-एक करके वापस ले लिया और आखिरकार हिटलर ने जर्मनी का सबसे बड़ा भू भाग जो पोलैंड में था उसके ऊपर भी आक्रमण करके उसे भी अपने कब्जे में ले लिया लेकिन हिटलर इन सभी से मानने वाला नहीं था और वह दुश्मन देशों को अपने दावे में करना चाहता था जिसके लिए उसने पोलैंड देश के ऊपर हमला कर दिया 1 सितंबर 1939 सुबह 4:45 और जहां से दूसरे विश्व युद्ध का आरंभ हुआ था 1 सितंबर सुबह 4:45 पर जर्मनी ने जिस महा युद्ध का आरंभ किया उसके कुछ ही घंटों में लगभग लगभग 1500000 जर्मन नाजी सैनिक पोलैंड अंदर घुस गई और सिर्फ एक महीना होते होते ही पूरे पूरे देश को जीत लिया पोलैंड के ऊपर हमला होने पर मदत का हवाला देने वाले फ्रांस और ब्रिटेन भी इन हालात के अंदर कुछ भी नहीं कर सके पोलैंड को जीतने के बाद ही 6 महीने तक बिल्कुल शांत रहा उसने कुछ भी नहीं किया लेकिन उसका अगला निशाना फ्रांस और ब्रिटेन थे क्योंकि यही वह दो देश थे जो कि जर्मनी की दयनीय स्थिति के जवाबदार थे दूसरे विश्व के अंदर हिटलर जर्मन सत्ता को पूरे विश्व के अंदर फैलाना चाहता था.
ऐसी सोच रखने वाला एक और तानाशाह इटली में पैदा हो गया था जो था मुसोलिनी मुसोलिनी इटालियन सत्ता फिर से यूरोप में खड़ी करना चाहता था रोमन राज्य जैसी हुकूमत को वापस लाना चाहता था और तीसरी और पूर्व में जापान भी लड़ रहा था जापान एशिया के अंदर अपनी हुकूमत को बनाना चाहता था पूर्व तथा दक्षिण एशिया के देशों को जीत कर उन पर अपनी हुकूमत कायम करना चाहता था तो इस तरह से साम्राज्यवादी नीतियों को ध्यान में रखते हुए तीन देश विश्व युद्ध लड़ रहे थे अब हिटलर कुछ ज्यादा ही महत्वकांक्षी बन चुका था वह दुनिया के सभी देशों पर जर्मन राज लाना चाहता था,
फ्रांस और ब्रिटेन के ऊपर हमला करने के लिए उसको और ज्यादा शस्त्रों की और डिफेंस पावर की जरूरत थी इसलिए उसने फिलहाल वह हमला नहीं किया और उत्तरी तक एक देश नॉर्वे पर हमला कर दिया 9 अप्रैल 1940 के दिन लगभग 15000 सैनिक 1000 फाइटर प्लेन और 18000 सबमरीन को भेजकर नॉर्वे को जीत लिया फिर उसने नॉर्वे और जर्मनी के बीच पड़ने वाले देश डेनमार्क को भी जीत लिया इतना ही नहीं और कुछ ही महीनों में तो नीदरलैंड, बेल्जियम ,लक्ज़मबर्ग तीनों देशों पर  बारी-बारी हमला करके जर्मनी के अंदर मिला दिया 1940 में जून महीना का के आते आते हिटलर को लगा कि अब उसके पास डिफेंस पावर के लिए उत्पादित सशस्त्र पर्याप्त मात्रा में जमा हो गए हैं इसलिए 5 जून 1940 को हिटलर ने लगभग 1500000 सैनिकों को को भेजकर फ्रांस पर आक्रमण कर दिया उस समय फ्रांस के पास सिर्फ 800000 सैनिक थे और उनके सामने 15 लाख नाजी सैनिक 2000 टैंक्स और 1500 फाइटर प्लेन थी जिसके कारण फ्रांस को जर्मनी को हरा पाना बहुत ही मुश्किल था.
तो सिर्फ 15 दिन में ही जर्मनी सेना ने फ्रांस का काम तमाम कर दिया फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर जर्मनी को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी वह दिन आज भी हिटलर भूला नहीं था यहां पर इतिहास ने अपने आप को फिर से दोहराया हिटलर ने फ्रांस के वही कैंपेन के जंगल में वही ट्रेन बुलवाई जिसमें लगभग 21 साल पहले फ्रांस ब्रिटेन ने जर्मन सरकार से शरणागति पत्र पर हस्ताक्षर करवाएं थे हिटलर ने आज इतने सालों बाद फिर से कैंपेन के जंगल में ट्रेन में बैठकर फ्रांस शरणागति पत्र पर हस्ताक्षर करवाएं स्थिति थी की जर्मन सेना लगभग पूरे यूरोप को अपने कब्जे में ले चुकी थी बस सिर्फ देश बाकी था जो उनके सामने नहीं चुका था द ग्रेट ब्रिटेन हालांकि ब्रिटेन चारों ओर से समुंदर के अंदर बसा देश है इसलिए वह अब तक अब रह गया उसका कोई भेद नहीं पता लगा लेकिन 1940 में हिटलर ने समुद्री मार्ग से ब्रिटेन पर हमला करने की ठान ली. लेकिन हिटलर के सेना अध्यक्ष ने उस समय यह कहकर युद्ध को टाल दिया ब्रिटेन की वायु सेना बहुत मजबूत है समुंदर पार में हम पर हवाई हमला कर सकते हैं इसलिए हिटलर ने कुछ समय बाद इंतजार किया और अपनी वायुसेना को और मजबूत बनाया ताकि जब वह ब्रिटेन के ऊपर हमला करें तो जर्मन वायु सेना उस पर काउंटर अटैक कर सके और कुछ ही महीनों बाद जर्मनी और ब्रिटेन के बीच घमासान युद्ध हुआ बहुत बड़ा युद्ध हुआ जिसे बैटल ऑफ ब्रिटेन भी कहा जाता है
इस युद्ध में ब्रिटेन के 1000 और जर्मनी के लगभग 1800 से फाइटर प्लेन खत्म हो गए महीनों तक चले बैटल ऑफ ब्रिटेन के बाद हिटलर का धैर्य टूट गया क्योंकि आधे से ज्यादा यूरोप पर जर्मनी की हुकूमत थी और कुछ समय और यह युद्ध जारी रखता तो ब्रिटेन को आज नहीं तो कल  हारना ही पड़ता लेकिन कूटनीति में हिटलर जितना अच्छा नहीं था जितना कि वह राजनीति में था और जिसे उसे नहीं करनी चाहिए थी वह 3 बड़ी गलतियां हो कर बैठा उसकी सबसे बड़ी भूल तो यह थी कि उसने ब्रिटेन के साथ युद्ध को स्थगित कर दिया और ब्रिटेन को बाद में हराने की सोचने के बाद वह फिलहाल यूरोप के अन्य देशों पर हमला करने की सोचने लगा और दूसरी सबसे बड़ी भूल हिटलर की गलती यह थी कि  उसने रसिया के साथ बिना किसी कारण ही युद्ध छेड़ दिया रसिया के साथ युद्ध करने के लिए हिटलर 3000000 सैनिक 7000 टैंक और 4000 फाइटर प्लेन रवाना किए उस समय जर्मन नाजी सैनिकों ने रशिया में घुस गए लेकिन बाद में वो रशियन सैनिकों के सामने और रसिया के ठंडे मौसम के सामने नहीं टिक पाए लगभग 900000 से भी ज्यादा नाजी सैनिक मारे गए और रशियन सैनिक जर्मन सैनिक को  खदेड़ते हुए जर्मनी के भूभाग के बॉर्डर तक आ गए हिटलर ने तीसरी भूल यह कि कि उसने बिना किसी वजह से अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया युद्ध की घोषणा कर दी.
अमेरिका और जर्मनी की कोई दुश्मनी भी नहीं थी जापान ने 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के पारो हर्बल पर हमला किया उसके चार दिन बाद हिटलर ने अमेरिका के साथ युद्ध की घोषणा कर दी हिटलर ने शायद यह सोचा होगा इग्नेशिया में जापान ब्रिटेन के सामने लड़ रहा है जो जर्मनी का दुश्मन था इसलिए दुश्मन का दुश्मन दोस्त हुआ और जापान ने अमेरिका पर हमला कर दिया इस वजह से दोस्त का दुश्मन दुश्मन हुआ  शायद इन सभी बातों के चलते हड़बड़ी में हिटलर ने अमेरिका के साथ युद्ध की घोषणा कर दी लेकिन इसके परिणाम जर्मनी और हिटलर के लिए बहुत ही घातक साबित हुए 6 जून 1944 के दिन अमेरिका ब्रिटेन और दूसरे मित्र राष्ट्र की सेना यूरोप में घुस गई और जर्मनी पर हमला कर दिया जिसमें बहुत नाजी सैनिक मारे गए और बदला लेने वाला जर्मनी घुटनों पर आ गया
इधर 1945 में जर्मनी का खात्मा बुलाने से पहले ही इटली को अपने कब्जे में कर लिया और मुसोलिनी को हिरासत में ले लिया महीनों तक चले इस संग्राम में जर्मनी की पीछे हट हुई थी क्योंकि एक और पश्चिम की तरफ से अमेरिका ब्रिटेन और मित्र राष्ट्र की सेनाएं जर्मनी के ऊपर हमला बोल रही थी जबकि दूसरी और पूर्व की तरफ रशिया की सेना राजधानी वर्ली बरलिन की और बढ़ रही थी इन हालात में अब जर्मनी की हार और तानाशाह हिटलर का अंत निश्चित था हिटलर के अपने अंतिम  राजधानी बर्लिन के सचिवालय के नीचे बने बैंकर के अन्दर गुजारे वह बैंकर था बहुत मजबूत लेकिन बर्लिन पर हो रहे तोप के गोलों ने बैंकर को हिला दिया हिटलर को अब अपना अंत करीब लग रहा था उसने कुछ अपनी नाजी अफसरों को और करीबी लोगों को बुलाया जिसमें उस समय उसके साथ 26 लष्करी अफसर और 31 चौकीदार थे रशियन की रिपोर्ट जो दस्तावेज के अंदर है उस रिपोर्ट के अनुसार अपने हिटलर ने अपने करीबी लोगों से कहा कि मुझे किसी भी हाल में दुश्मनों को हाथ पकड़े नहीं जाना है वह अपने एक-एक अफसरों को मिला लेकिन ज्यादा कुछ बात नहीं की अब  सब समझ गए थे कि क्या होने वाला है दूसरे दिन की तारीख 30 अप्रैल 1945 हिटलर के जीवन का यह आखिरी दिन था दोपहर में उसने ईवा ब्राउन के साथ लंच किया लगभग 2:00 बजे के बाद भोजन समाप्त करते हुए दोनों एक कमरे में गए जिसके बाहर एक चौकीदार स्टैंडअप पोजीशन में पहरा दे रहा था कुछ समय बाद बैंकर के उस कमरे में ईवा ब्राउन ने साइनाइड की गोली खा ली और हिटलर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली इसी के साथ तानाशाह हिटलर का अंत हो गया.
हिटलर की मौत के बारे में बहुत सी अलग-अलग घटनाएं अलग-अलग चीजें साबित करती है सच्चाई जो भी हो लेकिन उस समय हिटलर का अंत हो गया था और जर्मनी की हार हो गई थी इधर जर्मनी की हार के बाद और हिटलर की मौत के बाद पूरा विश्व युद्ध खत्म हो गया लेकिन एशिया में जापान अभी भी युद्ध लड़ रहा था जापान ने मित्र देशों के नाक में दम कर दिया था उसने अमेरिका का भी बहुत सा नुकसान किया अमेरिकन तथा संस्थाओं को जीत लिया जापान उस समय इतना उस समय इतना ताकतवर था कि वह हार मानने के लिए तैयार नहीं था और यहां पर मित्र देशों से हराकर पूरी तरह युद्ध को खत्म करना था इसलिए अमेरिका में 6 और 9 अगस्त 1945 को 2 दिन एक – एक करके जापान के हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम से हमला किया जिसमें हजारों निर्दोष जापानी लोगों की मृत्यु हुई और उसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया लेकिन यहां पर सवाल सिर्फ यह है किसी और तरीके से भी जापान के ऊपर हमला करके उसे कंट्रोल में किया जा सकता था लेकिन इतने भयानक परमाणु बम से हमला करने की जरूरत क्यों पड़ी. उसके ऊपर अमेरिका भी अपनी सफाई पेश कर रहा है फिर दूसरे विश्व युद्ध का अंत चाहे जैसा भी हो बहुत ही बुरा हुआ था इतने खतरनाक युद्ध के बाद आखिरकार दुनिया को कुछ भी नहीं मिला.
तो इस प्रकार से दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति हो गई थी लेकिन समाप्ति से पहले दूसरे विश्वयुद्ध ने दुनिया में बहुत कुछ बदल दिया था दुनिया के अंदर बहुत से देशों को खत्म होने की कगार पर रख दिया था लेकिन सबसे ज्यादा इसमें नुकसान जापान और जर्मनी का हुआ. क्योंकि जापान को एक ऐसे हादसों से गुजरना पड़ा है जो की आज की दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं चाहेगा क्योंकि अमेरिका ने जापान के 2 शहरों पर नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम है डाल दिया था लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो शायद जापान रुकता भी नहीं और मैं अपने पड़ोसी देशों के साथ युद्ध करता रहता और शायद इस विश्व युद्ध की समाप्ति भी नहीं होती यह बढ़ता ही जाता है क्योंकि उस समय में जापान इतना ताकतवर था कि वह किसी भी देश को हरा सकता था लेकिन यह परमाणु बम अमेरिका को उसके ऊपर नहीं गिराने चाहिए थे क्योंकि उसमें बेकसूर दोस्त बच्चे बूढ़े और जवान जापानी नागरिकों की मौत हुई यह हादसा बहुत ही दुखद हादसा था और जर्मनी का नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि जर्मनी एक बार फिर से अपने पहले जैसे हालात पर आ गया. वहां लोगों को एक बार फिर से घुटनों पर आना पड़ा और इस सारी हालात का जिम्मेदार सिर्फ हिटलर था क्योंकि हिटलर सिर्फ दूसरे देशों को आक्रमण करके सभी देशों को अपने कब्जे में लेना चाहता था लेकिन एक समय ऐसा था कि हिटलर का आदेश ज्यादा यूरोप कब्जे में था लेकिन फिर भी उसने ब्रिटेन के ऊपर हमला किया अगर हिटलर ऐसा नहीं करता तो शायद जर्मनी की भी ऐसी हालत नहीं होती तो दोस्तों चाहे कैसी भी समाप्ति हुई दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति हो गई थी
फिर इसके बाद अमेरिका और USSR के बीच ठंडा विग्रह शुरू हुआ इस ठंडे युद्ध मैं तीसरे विश्वयुद्ध के संकेत भी दिखाई देने लगे लेकिन खुशी की बात यह रही कि की 1991 आते-आते या ठंडा युद्ध खत्म हो गया और दुनिया में दुनिया ने चैन की सांस ली.
इस तरह से दोस्तों दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ लेकिन दूसरे के विश्व युद्ध के समाप्त होने से पहले बहुत से नुकसान दुनिया को उठाने पड़े इसमें कई देशों का तो बहुत ज्यादा नुकसान हुआ विश्व युद्ध के अंदर बहुत सी संपत्ति का नुकसान हुआ निर्दोष लोगों की जानें गई करोड़ों लोगों की मौत हुई इस युद्ध में लगभग धरती पर से कुल जनसंख्या का 3% लोगों की मौत हुई यह सबसे बड़ा नुकसान हुआ दुनिया कोलेकिन जैसा भी हो उसका अंत हो गया दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो ही गया तो आज हम दोस्तों आपको बताया इस पोस्ट में दूसरे विश्व युद्ध कब शुरू हुआ दूसरे विश्व युद्ध के होने के क्या कारण थे और दूसरे विश्वयुद्ध के बारे में कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारी आपको यह जानकारी आपको कैसे नीचे कमेंट करके हमें जरुर बताएं और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.