संसद भवन

 


संसद भवन
विवरण'संसद भवन' में भारत की संसदीय कार्रवाई होती है। दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं।
प्रकारराष्ट्रीय विधायिका
शहरनई दिल्लीभारत
स्वामित्वराष्ट्रपतिभारत सरकार
आधारशिला12 फ़रवरी1921[1]
उद्घाटन18 जनवरी1927[2]
वास्तुकारसर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर
वास्तुकलाविशाल वृत्ताकार भवन
क्षेत्रफललगभग छह एकड़ (24281.16 वर्ग मीटर)
छत118 फुट (केंद्रीय कक्ष)
संरचनाभारत के चौंसठ योगिनी मंदिर की आकृति से प्रेरित।
अन्य जानकारीसंसद भवन का केन्द्रीय कक्ष ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। 15 अगस्त1947 को ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को सत्ता का हस्तान्तरण इसी कक्ष में हुआ था।
नई दिल्ली में स्थित संसद भवन सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद की दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं।

भवन संपदा

संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद के सत्रों के दौरान और अन्य महत्त्वपूर्ण अवसरों पर भवन में महत्त्वपूर्ण स्थलों को विशेष रूप से पुष्पों से सुसज्जित किया जाता है। विद्यमान व्यवस्था के अनुसार संपूर्ण संसद भवन संपदा और विशेषकर दोनों सभाओं के चैम्बर्स में पूरे वर्ष कड़ी सुरक्षा रहती है।

संपूर्ण संसद भवन संपदा सजावटी लाल पत्थर की दीवार या लोहे की जालियों से घिरा है तथा लौह द्वारों को आवश्यकता पड़ने पर बंद किया जा सकता है। संसद भवन संपदा से होकर गुजरने वाले पहुंच मार्ग संपदा का हिस्सा है और उनका उपयोग आम रास्ते के रूप में करने की अनुमति नहीं है।[3]

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